दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे की आखिर ये (lumpy virus cow) Lumpy Virus क्या है और ये किस तरह से जानवरो में फ़ैल रहा है और किस हद तक किसी भी विशेष जानवर की श्रेणी को नुकसान पंहुचा सकता है और पंहुचा भी रहा है। तो आईये शुरू करते है।
Lumpy virus क्या है? (lumpy virus cow)
यह lumpy virus विशेषतः जानवरो की त्वचा में गाँठ बनाने वाली एक गंभीर बीमारी है जो मुख्य रूप से आज कल गायों में फ़ैल रही है। इस रोग में जहाँ मवेशियों की त्वचा पर चकते पड़ जाते है साथ ही साथ यह चकते धीरे-धीरे आकार में बड़े हो जाते है और शरीर को ढक लेते है। और मवेशियों का शरीर धीरे धीरे कमजोर हो जाता है और साथ ही साथ दूध की मात्रा भी कम हो जाती है।
यह बीमारी इस virus से फैलती है उसका पूरा नाम Lumpy skin disease virus जिसे शार्ट में हम LSDV कहते है। इस वायरस की कुल तीन प्रजातियां है नाम क्रमशः नीचे दिया गया है:-
- कैप्रिपॉक्स वायरस
- गोटपॉक्स (Goatpox)
- शीपपॉक्स (SheepPox) वायरस
यह बीमारी विशेष रूप से दुधारू पशुओं में ही फ़ैल रही है जिसका एकमात्र इलाज वैक्सीनेशन ही है।
कैसे जाने की आपका मवेशी (पशु) इस बीमारी से पीड़ित है?
जी हाँ सबसे बड़ी दिक्कत यह भी है की आखिर या कैसे पता चले की आपका पशु इस बीमारी से पीड़ित है या किसी और बीमारी से? तो इसका सबसे सीधा और सरल उपाय यह है की आपको अपने पशु में नीचे बताए गए कुछ लक्षण को परखने की जरूरत होगी फिर आप बड़े ही आसानी से पता लगा सकते है की आपके मवेशी इस बीमारी के चपेट में है की नहीं ?
लक्षणों को ध्यान से पढ़े और समझे:-
- यदि जानवर का वज़न लगातार कम हो रहा हो।
- जानवर को बुखार रहता हो।
- अधिक लार का आना भी एक लक्षण में से एक है।
- आँख और नाक का बहना।
- दूध का कम हो जाना।
- शरीर पर चकते पड़ना और फिर लगातार बड़ा होना और फिर गांठ बन जाना।
जाने आखिर कैसे फैलता है यह रोग? (lumpy virus cow)
किसी भी रोग के फैलने के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है अगर यह कारण ही सामने आ जाये तो रोग भले ही पूरी तरह से नष्ट न हो लेकिन उसको आसानी से कुछ सावधानियां बरतने से फैलने से रोका जा सकता है।
चुकीं यह बीमारी त्वचा की बीमारी है तो यह सामान्य तौर पर मक्खी, मच्छरों और जूं से फैलती है। अगर रोगी मवेशी किसी अन्य स्वस्थ मवेशी के संपर्क में आ जाये तो भी यह रोग फैलता है या फिर दूषित भोजन के माध्यम से।

सावधानिया जो की बरतनी चाहिए।
ऐसी ही कुछ सावधानियां हम आपको नीचे बताने जा रहे है जिन्हें आप अनुसरण कर अपने मवेशियों को सुरक्षित रख सकते हो।
- मवेशियों के पास किसी भी प्रकार का कूड़ा करकट जमा न होने दें, उन्हें साफ़ जगह में रखें।
- मच्छर और मक्खी की रोकथाम हेतु धुंए का प्रबंध कर सकते है।
- रोगी मवेशियों को जरूर आइसोलेट करें (अकेले रखे) और खान पान का ध्यान रखें।
क्या रोगी मवेशियों के दूध में भी वायरस का खतरा है?
जब किसी मवेशी में वायरस का खतरा हो तो किसी भी साधारण इंसान के लिए ये विश्वास करना की रोगी-मवेशी के दूध में कोई खतरा नहीं है। बहुत हद तक असंभव हो जाता है। लेकिन, एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर पीयूष रंजन के मुताबिक इंसानों पर इसका कोई खतरा नहीं है।
लेकिन ध्यान दे की सदैव ही उबले दूध का सेवन ही करना चाहिए जिससे की उस दूध में अगर कोई जीवाणु या वायरस के तत्व हो भी तो वह सब नष्ट हो जाएं। इसलिए कच्चे दूध पीन से बचें।
आखिर इस वायरस का रोकथाम कैसे होगा और क्या उपचार होगा?
इस वायरस से देश के अधिक राज्यों में कोहराम मचा रखा है। कोई भी राज्य इस वायरस से अछूत नहीं है। जैसा की आपको बता से बताते चलें की इस वायरस का कोहराम गुजरात में कुछ इस तरह से ही की वहां मवेशिओं की कमी के चलते अमूल के प्लांट में दूध की कमी हो गयी है।
राजस्थान में इस बीमारी से 50,000 से अधिक संक्रमित मवेशियों की मृत्यु हो गई है. इस तरह के मामले पंजाब और हरियाणा में भी सामने आए हैं।
इसी को देखते हुए सरकार मुंबई के1,755 गांवों में कुल 5,51,120 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
क्या Lumpy Virus इंसानो में भी फैलता है?
जी नहीं, इस वायरस का इंसानो पर कोई भी आसार नहीं होता। इस वायरस का असर केवल मवेशियों पर ही पड़ता है।
क्या सक्रमित मवेशी का दूध पीने से इस वायरस का संक्रमण इंसानो में भी हो सकता है?
जी नहीं, मवेशी के दूध पर इस वायरस का कोई असर नहीं पड़ता है। संक्रमित मवेशी का दूध पीने से वायरस का कोई भी खतरा नहीं है। आपको दूध हमेशा ही उबला हुआ ही पीना चाहिए। कच्चे दूध के सेवन से बचें।